क्या निर्वाण के भी प्रकार हैं ?
निर्वाण के तो कोई प्रकार नहीं हैं | जैसे फल जब पक जाता है तो एक क्षण में गिर जाता है, गिरने में कोई प्रकार नहीं है | लेकिन फल के पकने में बहुत सीढियां हैं | अधपका फल है= अभी गिरा नहीं है| कच्चा फल है - अभी गिरना बहुत दूर , गिरने कि यात्रा पर है | गिरेगा तो फल एक क्षण में | पक गया, क्षण भी नहीं लगेगा | फिर गिरने में सीढियां नहीं हैं ; गिर तो एकदम जायेगा | लेकिन गिरने के पहले बहुत सी सीढियां हैं |
कच्चा फल भी वृक्ष से लगा है, अधपका फल भी वृक्ष से लगा है- अगर हम वृक्ष से लगे होने को ध्यान में रखें तो दोनों में कोई फर्क नहीं है | फर्क इतना ही है कि अधपका पहल पकने के करीब आ रहा है, कच्चा फल बहुत दूर है | मगर दोनों वृक्ष से लगे हैं | निर्वाण तो एक ही क्षण में घट जाता है | लेकिन एक व्यक्ति है जिसने कभी धयान नहीं किया, प्रेम नहीं किया- कच्चा फल है | वो भी अभी संसार में है | फिर किसी ने धयान किया, प्रेम किया - वो भी अभी टूट नहीं गया है , अभी वो भी पक कर गिर नहीं गया है, वो भी संसार में है | अगर संसार में ही होने को देखें, तो दोनों संसार में हैं | लेकिन अगर उस भविष्य कि घटना को हम ख्याल में रखें तो एक कुछ कदम आगे बड़ा है गिरने के करीब, और दूसरा अभी बहुत दूर खड़ा है | एक कच्चा फल है, एक अधपका फल है |